Thu. Apr 25th, 2024

    हार्मोन, जैसे कि एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन, एड्रेनालाईन और इंसुलिन हमारे शरीर के विकास में बेहद अहम भूमिका अदा करने के साथ-साथ शरीर की सारी गतिविधियों को भी नियंत्रित करते हैं। आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान में आए बदलाव के चलते हार्मोन्स का भी असंतुलन होना आम बात हो गई है और इस असंतुलन के कारण ही तरह-तरह की बीमारियाँ भी परेशान करने लगती हैं। यह बात बेहद जरूरी है कि शरीर में मौजूद हर एक हार्मोन का स्त्राव उचित और जरूरी मात्रा में होता रहे। हार्मोन्स के स्त्राव में आई गड़बड़ी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ खड़ी करने लगती है।सबसे पहले तो आइये जानते हैं हार्मोन्स असंतुलन के लक्षणों के बारे में:

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    *थकान।

    *चिंता तनाव और चिडचिडापन।

    *बिना किसी कारण के अचानक बालों का झड़ना।

    *अचानक बिना किसी वजह वजन का बढना या कम हो जाना।

    *बहुत ज्यादा भूख लगना।

    *पसीना आना।

    *नींद की कमी।

    *कामेच्छा में कमी।

    *पाचन सम्बंधी समस्या।

    आइये जानते हैं नेचुरल ढंग से हार्मोन्स को संतुलित रखने के तरीकों के बारे में:

    दालचीनी (cinnamon)

    इंसुलिन के लेवल के गड़बड़ा जाने से डायबिटीज जैसी बीमारियाँ जन्म लेने लगती हैं। दालचीनी में इंसुलिन हार्मोन को संतुलन में रखने के गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही यह बैड कोलेस्ट्रोल के लेवल को भी कम करने में मदद करती है।

    ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 fatty acid)

    ओमेगा-3 फैटी एसिड में हार्मोन्स को बैलेंस करने के गुण होते हैं। यह रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करता है। शाकाहारी लोग ओमेगा-3 फैटी एसिड को अलसी के बीज, अखरोट, सोया बीन्स, ऑलिव ऑइल से पा सकते हैं जबकि मांसाहारी लोग इसे मछली में पा सकते हैं। और यदि आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह से ओमेगा 3 की गोलियां (medicines) भी ले सकती हैं। हालाँकि ओमेगा-3 का सेवन जब तक कि उचित मात्रा में किया जाये, तब तक ये आपके लिए लाभकारी है, इसकी अधिक मात्रा भी आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

    वनस्पति तेल, मूंगफली के तेल, सोयाबीन तेल, केनोला तेल और इसी तरह के अन्य केमिकल फैट का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें। जहाँ तक हो सके नारियल तेल और जैतून तेल (ओलिव आयल) का इस्तेमाल करें।

    कैफीन की मात्रा में कमी कर दें (Limit the intake of Caffeine)

    हर किसी को चाय या कॉफ़ी पीना अच्छा लगता है। लेकिन जब तक इसे एक सीमित मात्रा में लिया जाए तब तक इसका सेवन आपके लिए नुकसानदेह नहीं है लेकिन इसकी अधिकता से आपके हार्मोन्स काफी असंतुलित हो सकते हैं। जहाँ तक हो सके कम से कम चाय/कॉफ़ी का सेवन करें। इसकी जगह पर ग्रीन टी या फिर नारियल पानी का इस्तेमाल करना शुरू कर दें।

    नुकसानदायक केमिकल्स से बचें ( Avoid Harmful Chemicals)

    आपके घर में इस्तेमाल किये जाने वाले सफाई के केमिकल्स, प्लास्टिक, कॉस्मेटिक्स और यहाँ तक कि मैट्रेस में भी हार्मोन का संतुलन बिगाड़ने वाले और हार्मोन्स के उत्पादन को कम करने वाले केमिकल्स पाए जाते हैं। जो लोग हार्मोन्स के असंतुलन की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें जहाँ तक हो सके ऐसी चीज़ों से दूरी बना लेनी चाहिए। जहाँ तक हो सके खाने में प्लास्टिक के बर्तन के इस्तेमाल से बचना चाहिए और सफाई के लिए घरेलू चीज़ों का इस्तेमाल करना चाहिए।

    नारियल का तेल (Coconut oil)

    हार्मोन्स को संतुलित करने में नारियल का तेल भी आपकी काफी मदद कर सकता है। नारियल का तेल ब्लड शुगर को स्थिर करने में, वजन कम करने में और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है इसके साथ ही ये आपको हृदय संबंधी बीमारियों से भी दूर रखता है।

    नींद पूरी लें (Get adequate sleep) 

    यदि आप अच्छी नींद नहीं ले रहे/ही हैं, तो हार्मोन असंतुलन का ये भी एक कारण हो सकता है। सोते वक़्त हमारा शरीर टोक्सिंस को बाहर निकालता है और हार्मोन्स का निर्माण करता है। तो यदि ऐसे में आप जरूरत के अनुसार नींद नहीं ले रहे हैं, मतलब कि आप शरीर के काम में अवरोध पैदा कर रहे हैं। जहाँ तक हो सके सही और पर्याप्त नींद लें।

    विटामिन डी (Vitamin D)

    विटामिन डी, हार्मोन निर्मित करने वाली पीयूष ग्रंथि (pituitary gland) पर प्रभाव डालता है। ये आपकी भूख और वजन को भी प्रभावित करता है। विटामिन डी के स्त्रोत:

    *आप चाहें तो विटामिन डी पाने के लिए कुछ समय धूप में भी बैठ सकते/ती हैं।
    *मछली, दूध और अंडे में भरपूर मात्रा में विटामिन डी मिलता है।
    *इसके अलावा डॉक्टर कि सलाह पर विटामिन डी के डोज़ भी ले सकते/ती हैं।

    खानपान की आदतों में बदलाव ले आयें (Making Changes In The Diet)

    यह पाया गया है कि सही समय पर लिया हुआ भोजन मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया को स्थिर करता है। सबसे पहले सुबह का नाश्ता जरुर करें। खाने के बीच में थोड़े समय का अंतर देते हुए 4-5 बार में अपना आहार लें। और जहाँ तक हो सके ताज़े फलों का सेवन करें। कुछ और अच्छी आदतें अपना लें, जैसे कि:

    *जहाँ तक हो सके प्रोसेस्ड फ़ूड से दूरी बना लें।
    * वाइट ब्रेड से दूर रहें।
    *ज्यादा पानी पियें।
    *मीठे और बेकरी आइटम्स से दूरी बना लें।
    *एक्सरसाइज करें।
    *योग करें।

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    3 thoughts on “नैचुरल ढंग से हार्मोन्स का संतुलन बनाएँ : Balance Your Hormones Naturally”

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