स्वाइन फ्लू (H1N1) एक बहुत ही संक्रामक वायरस से होने वाली बीमारी है जो बहुत तेज़ी से सीधे आपके श्वासतंत्र (respiratory system) पर आक्रमण करती है। कुछ समय पहले तक यह बिमारी सामान्यतः उन्ही लोगों में पाई जाती थी जो सुअरों (pigs) के सीधे सम्पर्क में रहते थे ! लेकिन आजकल यह किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है ।इसके लक्षण बहुत तेज़ी से फैलते हैं और अगर जल्दी ही इनकी रोकथाम न की जाये तो ये बीमारी जानलेवा हो सकती है ।
क्यों कहते हैं इसे स्वाइन फ्लू (why it is named swine flu)?
एक समय जब स्वाइन फ्लू के cases सामने आते थे तब उसका कारण सूअरों (pigs) से सीधा संपर्क होता था, लेकिन धीरे धीरे यह उन लोगों में भी पाया जाने लगा जिनका कभी pigs से सीधा संपर्क नहीं रहा। वैज्ञनिकी खोजों के आधार प रस्वाइन फ्लू दो मुख्य सतह प्रतिरक्षी (surface antigen), H1 (hemagglutinin type 1) and N1 (neuraminidase type1) पर आक्रमण करता है जिस कारण इसे H1N1 के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे फैलता है स्वाइनफ्लू (How it spread) ?
आमतौर पर यह बीमारी मनुष्य में सूअर के सीधे संपर्कमें आने पर होती है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के बलगम और छींक के सहारे एक मनुष्य से दुसरे मनुष्य में आसानी से फैल जाती है।
क्या हैं शुरुआती लक्षण (Initial symptoms) ?
– छींक आना, नाक का लगातार बहना और जाम होना
– सिर, मांसपेशियों में दर्द या अकड़न महसूस करना
– कफ और कोल्ड, लगातार खांसी आना
– बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
– बुखार होना, दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढ़ना
– गले में खराश होना और इसका लगातार बढ़ते जाना
कैसे करें बचाव (How to Prevent) ?
ज्यादातर भीड़–भाड़वाले इलाकों मेंजाने से बचें। नियमित दिनचर्या, खानपान एवं योगके जरिये अपनीimmunity को बढ़ाये जिससे छोटेमोटे infection आपकी body को अंदर से कमज़ोर न बना सकें ।
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