Tue. Apr 16th, 2024

    हलासन (Halasana) एक प्रकार का योग है जो कई गंभीर समस्यायों जैसे मोटापा, थायरॉएड, और स्त्री रोगों में विशेष लाभकारी है। प्रतिदिन प्रातः इसे करने से न सिर्फ आप इन समस्याओ से छुटकारा पा सकते हैं बल्कि अपनी सेहत को और बेहतर बना सकते हैं।

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    सुबह नित्यकर्मों से निपटकर इसे करने का प्रयास करें

    हलासन या कोई भी व्यायाम या योग हमेशा खाली पेट ही करने की कोशिश करें। इसके लिए सुबह का समय सबसे उत्तम होता है। सुबह-सुबह नित्य कर्मों से निपटकर योग करने से इससे होने वाले फायदे बढ़ जाते हैं।
    अगर आप पेट से सम्बंधित समस्याओं से परेशान हैं, और सुबह-सुबह पेट साफ़ होने में तकलीफ होती है, तो रात को हल्के गुनगुने पानी के साथ “त्रिफ़ला चूर्ण” का सेवन करें।

    हमेशा खाली पेट ही करें 

    हालांकि हलासन करने के लिए सुबह का समय सबसे उत्तम होता है लेकिन अगर आप किसी वजह से सुबह के बजाय इसे दिन में करना चाहते हैं, तो हलासन और खाने के बीच में कम से कम 4 से 5 घंटे का अंतर रखें।

    शरीर को पहले थोड़ा गरम (Body warm-up) करें

    हलासन करने की प्रक्रिया में आपके शरीर के अंग काफी खिंचते (strech) हैं। इसलिए इसे करने से पहले थोड़ी वॉर्मअप एक्सरसाइज करके अपने शरीर को गर्म कर लें, जिससे इसमें लचीलापन आ जाए। वॉर्मअप एक्सरसाइज में आप हलके-फुल्के एरोबिक्स, ब्रिस्क वॉक या मध्यम गति की जॉगिंग शामिल कर सकते हैं।

    शरीर में खिचाव (stretching exercise) पैदा करने वाला व्यायाम करें

    हल्के व्यायाम के बाद कुछ देर स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें, जिससे आपका शरीर पूरी तरह से हलासन के लिए तैयार हो जाए।
    खुली हवादार जगह चुनें: हलासन करने के लिए खुली-हवादार जगह का चुनाव करें।  सुबह की ताज़ी हवा में  इसे करने के अपने फायदे होते हैं।

    समतल सतह पर दरी या चटाई बिछा लें

    योग करने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जो पूरी तरह से समतल हो, ऊबड़-खाबड़ नहीं। हमेशा इसे दरी या चटाई पर करें क्योंकि सीधी सतह पर गुरुत्वाकर्षण के कारण ऊर्जा का नाश होता है।

    हलासन करने की विधि

    *जमीन पर एकदम सीधे लेट जाएँ। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठायें और अपनी गर्दन के पीछे ले जायें।

    *कमर को हाथों से सहारा दें, जिससे कि उस पर जोर न पड़ने पाए। कम से कम एक मिनट और ज्यादा से ज्यादा 5 मिनट ही इस स्थिति में  रहें और फिर धीरे-धीरे पूर्व की स्थिति में वापस आ जायें।

    *ध्यान रखिये कि पूरे समय आपको अपना बैलेंस बनाए रखना है, जिससे कमर पर या गर्दन पर जोर न पड़े।

    ध्यान रखें ! ! ! अगर आपको कमर, गर्दन या ह्रदय से सम्बंधित कोई समस्या है, तो इसे करने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर करें। शुरुआत में किसी विशेषज्ञ से प्रशिक्षण लेकर ही इसे करें। हलासन या कोई भी आसन करने और आसन में बतायी गयी आदर्श स्थिति में आने में कुछ समय (कम से कम 15 दिन) लें।

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